Hima Das Biography in Hindi
हिमा दास बायोग्राफी, रिकॉर्ड और उम्र
साल 9 जनवरी 2000 Hima Das का जन्म हुआ जो एक असम राज्य के नागाव जिले ढिंग की रहने वाली है उन्होंने अपनी स्कूल की पढाई यही से की और हिमा दास को खेलों में रूचि बहुत थी जिसके वजह से आगे पढ़ाई नहीं कर पायी हिमा एक दलित परिवार से हैं हिमा दास के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी उनके घर मैं 16 सदस्य हैं उनके 5 भाई और बहन है उनके पिता का नाम रोंजित दास है |उनके पिता खेती का काम करते है और उनकी माता का नाम जोमाली दास जो एक गृहणी हैं

विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप
2018 हिमा दास ने ऑस्ट्रेलिया में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की तरफ से हिस्सा लिया हिमा फ़ेडरेशन कप में 400 मीटर में दौड़ी कॉमनवेल्थ गेम में ये छटवे वे स्थान पर रही
हिमा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप ट्रैक कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया और कॉम्पिटिशन मैं विजय प्राप्त किया और भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता
हिमा पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं जिसने आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता
हिमा दास ने 15 दिनों मैं 5 गोल्ड मैडल जीते
पहला पोलैंड में पोजनान एथेलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स में 2 जुलाई को 200 मीटर की रेस 23.65 सेकंड में पूरा किया
दूसरा 8 जुलाई को पोलैंड में ही कुट्नो एथेलेटिक्स 200 मीटर की रेस को 23.97 सेकंड में पूरा किया
तीसरा 3 जुलाई को क्जेच रिपब्लिक में क्लाद्नो एथेलेटिक्स मीटमें 23.43 सेकंड के साथ 200 मीटर की रेस को पूरा किया
चौथा 17 जुलाई- चेक रिपब्लिक में ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस 23.25 सेकंड के साथ जीती.
पांचवा 20 जुलाई – ‘नोवे मेस्टो नाड मेटुजी ग्रांप्री’ में हिमा ने 400 मीटर की रेस 52.09 सेकंड में पूरी करके जीती.
करियर
हिमा को फ़ुटबॉल खेलने काफी रुचि थी वह अपने गांव के आस पास मैं मैच खेला करती थी इस मैच मैं उन्हें काफी दौड़ना पड़ता था
दौड़ने वजह से उनका स्टैमिना अच्छा रहता था
जवाहर नवोदय विद्यालय के फिजिकल एजुकेशन के टीचर ने हिमा को एक रेसर बनने की सलाह दी हिमा ने अपना पूरा ध्यान रेसिंग में लगाया हिमा दास की मुलाकात निपुण दास से प्रतियोगिता के दौरान हुई हिमा दास के परिवार वालों को हिमा को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया हिमा को अपना गांव छोड़ कर 140 किलोमीटर दूर बसना पड़ा