पीटी उषा
पीटी उषा जन्म 27 जून 1964 में केरल के पय्योली गांव में हुआ और उनका पूरा नाम पिलावुलकंडी थेक्केपारंबिल उषा है और माता का नाम टीवी लक्ष्मी है पिता का नाम ई पी एम पीतल है पीटी उषा बचपन से शारीरिक रूप बहुत पतली और बहुत कमजोर थी पीटी उषा को खेलकूद में रुचि थी उन्होंने ने अपनी पढाई केरल राज्य के पय्योली में प्राइमरी विद्यालय से की जहां उनका जन्म हुआ था पीटी ऊषा केरल एथलीट स्कूल भी चलाती है
करियर
पीटी उषा के चाचा स्कूल में टीचर थे जिसके कारण खेल मैं करियर बनाने के लिए अपने परिवार को मनाना आसान था उषा के परिवार ने उनका पूरा समर्थन किया और ट्रेनिंग के दौरान हौसला भी बढ़ाया उन्होंने पहली बार 1979 नेशनल एथलीट कंपटीशन में जीत हासिल की और अपने क्षेत्र में गोल्ड मेडल हासिल किया और अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया
ओलंपिक में हिस्सा
जब पीटी ऊषा 16 साल की थी तब उन्होंने 1980 मैं मास्को में आयोजित ओलंपिक मैं हिस्सा लिया इस खेल मैं उन्होंने 55.42 सेकंड में पूरा किया 1984 में ओलंपिक के खेल में दोबारा हिस्सा लिया। भारतीय महिला एथलीट बन गई 1986 में एशियन गेम्स मैं 4 स्वर्ण और 1 रजत पदक जीता उनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा 1983 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड दिया गया। पीटी ऊषा ने 1982 वर्ल्ड इनविटेशन मीट में 100 मीटर और 200 मीटर की रेस में हिस्सा लिया और उन्होंने ब्रोंज मेडल जीता। उन्होंने भारत के लिए 103 अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते हैं
पुरस्कार
1984 अर्जुन अवार्ड
1985 पद्मश्री
1985 वर्ल्ड ट्रोफी
1985 एशियन एथलीट मीट
1985 स्पोर्ट्स पर्सन ऑफ़ दी सेंचुरी’ एवं ‘स्पोर्ट्स वीमेन ऑफ़ दी मिलेनियम
1986 एडिडास गोल्डन शू अवार्ड फॉर दी बेस्ट एथलीट
खेल मैं वापसी
पीटी ऊषा ने अपनी शादी के बाद 1 साल एथलीट्स से ब्रेक ले लिया था 1998 में एथलीट्स में वापस मास्को ओलम्पिक खेलों में भाग लिया फिर उन्होंने 1997में अपने खेलों के करियर को अलविदा कहा दिया। क्वीन ऑफ इंडियन ट्रैक”और गोल्डन गर्ल नाम दिया गया।